7.37 करोड़ PF खाताधारकों के लिए जरूरी खबर, न्यूनतम पेंशन में भी होगा इतना जयदा इजाफा EPFO Big Update

भारत में करोड़ों कर्मचारियों की बचत और भविष्य प्रोविडेंट फंड (PF) पर टिका है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पास 7.37 करोड़ से अधिक सदस्यों के खाते हैं और करीब 25 लाख करोड़ रुपये का विशाल फंड प्रबंधन करता है। अब EPFO अपने निवेश के तरीके में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है ताकि सदस्यों को उनके पैसे पर अधिक रिटर्न मिल सके। यह कदम भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की सिफारिश के बाद उठाया जा रहा है। अगर ये बदलाव लागू होता है तो इसका सीधा फायदा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा।

EPFO की निवेश रणनीति में बड़ा सुधार संभव

EPFO की केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) जल्द ही निवेश नीति से जुड़े कई अहम फैसले लेगी। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) और डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) के लिए अलग-अलग निवेश बेंचमार्क तय किए जा सकते हैं। साथ ही न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव भी इस बैठक में रखा जाएगा। बता दें कि 2014 में न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये तय की गई थी और अब इसमें बढ़ोतरी की संभावना है। इसके साथ ही 80 लाख पेंशनर्स को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) सुविधा देने की योजना भी बनाई गई है।

RBI की सिफारिश से खुल सकता है बेहतर रिटर्न का रास्ता

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुझाव दिया है कि EPFO को अपनी निवेश नीति में बदलाव करना चाहिए। फिलहाल तीनों योजनाओं का निवेश एक समान तरीके से किया जाता है, जबकि इनकी जिम्मेदारियाँ अलग-अलग हैं। यही कारण है कि रिटर्न बढ़ाने के लिए इन्हें अलग-अलग निवेश पैटर्न में बांटना जरूरी माना गया है। इससे EPFO अपने निवेश को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेगा और सदस्यों को ज्यादा ब्याज का फायदा मिल सकता है।

अभी EPFO कहां करता है निवेश

EPFO फिलहाल 45 से 65 प्रतिशत धनराशि सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में लगाता है, जो सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देती हैं। 20 से 45 प्रतिशत रकम कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश होती है। 5 से 15 प्रतिशत हिस्सा शेयर बाजार में इंडेक्स फंड्स के जरिए लगाया जाता है। बाकी राशि अल्पावधि निवेश में जाती है। यह व्यवस्था सुरक्षित तो है लेकिन रिटर्न बढ़ाने की संभावना सीमित रहती है। इसलिए अब अलग-अलग योजनाओं के लिए निवेश मानक तय करने की तैयारी की जा रही है।

अलग निवेश मानक अपनाने से होगा फायदा

EPFO तीनों योजनाओं के लिए अलग-अलग बेंचमार्क अपनाने पर विचार कर रहा है ताकि हर योजना के प्रदर्शन का सही मूल्यांकन किया जा सके। नई व्यवस्था के तहत EPF, EPS और EDLI के लिए अलग-अलग मानदंड तय होंगे। इससे न केवल निवेश की पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि योजनाओं के रिटर्न में भी सुधार होगा। इसका सीधा लाभ लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा।

न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की तैयारी

CBT की बैठक में न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाने पर चर्चा होगी। 2014 के बाद से पेंशन राशि में कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। अगर राशि बढ़ती है तो पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए यह कदम विशेष रूप से लाभकारी होगा क्योंकि उनके लिए पेंशन ही मुख्य आय का साधन होती है।

पेंशनर्स को मिलेगी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सुविधा

EPFO ने पेंशनर्स की सुविधा के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) को और आसान बना दिया है। अब पेंशनर्स को बैंक या EPFO कार्यालय में जाकर प्रमाणपत्र जमा करने की जरूरत नहीं होगी। वे पोस्ट ऑफिस जाकर या घर पर पोस्टमैन को बुलाकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के बुजुर्गों के लिए मददगार साबित होगी, जहां डिजिटल सुविधाओं की पहुंच कम है।

क्यों जरूरी होता है लाइफ सर्टिफिकेट

लाइफ सर्टिफिकेट एक जरूरी दस्तावेज है जिससे यह साबित होता है कि पेंशनर जीवित हैं। इसी आधार पर पेंशन का नियमित भुगतान जारी रहता है और मृत्यु के बाद गलत भुगतान से बचा जा सकता है। पहले इस प्रक्रिया में कई पेंशनर्स को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब डिजिटल सुविधा से यह समस्या दूर हो जाएगी और समय पर पेंशन का भुगतान संभव होगा।

EPFO की यह नई रणनीति कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे न केवल पेंशनर्स को राहत मिलेगी बल्कि करोड़ों कर्मचारियों को भी अपने PF पर बेहतर रिटर्न का लाभ मिलेगा।

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